देश की दूसरी एवं विशाल हिन्दी भाषी प्रान्तों की प्रथम नाट्य प्रशिक्षण संस्था भारतेन्दु नाट्य अकादमी के अन्तर्गत वर्ष 1988 में प्रदेश सरकार द्वारा रंगमण्डल की स्थापना की गयी। रंगमण्डल का कार्य नाटक के माध्यम से जन समुदाय के मूल स्तर तक मनोरंजन प्रदान करने के साथ ही साथ उनमें शैक्षिक चेतना जागृत कराना प्रदेश ⁄ देश की संस्कृति का बोध कराना है। उपर्युक्त उद्देश्य की पूर्ति हेतु रंगमण्डल द्वारा न केवल प्रदेश के विभिन्न जिलों एवं कस्बों में जनरूचिपरक एवं मनोरंजक नाटकों का मंचन जनसमुदाय के बीच स्वंय जाकरकिया गया बल्कि अकादमी रंगमण्डल द्वारा विशेष रूप से ग्रामीण अंचलों में भी प्रस्तुति मंचन का कार्य किया जाता रहा है।